- झगड़ा होना एक आम बात है. खासियत होती है झगरा सुलझाने के तरीके में.
- किसी भी झगड़ें को कभी इस हद तक न ले जाएँ की उसे सुलझाने की गुंजाईश ही न रहे. यह भी ध्यान रखे की कोई भी झगड़ा आपके रिश्ते से बढ़कर नहीं हैं.
- झगड़ा हो जाने पर दुसरे की ओर से पहल का इंतजार न करें. खुद आगे आने से आप अपने रिश्ते को ज्यादा मजबूत कर सकते हैं.
- जिस मुद्दे पर झगड़ा हुआ है उस पर ठंढे दिमाग से बातचीत कर कोई समाधान निकालें आन्यथा वह आगे की झगडे की जड़ बन जाएगी.
- झगड़ा ख़त्म करने के लिए किसी उपहार का सहारा लेने में कोई हर्ज नहीं है. इससे न केवल झगड़ा ख़त्म होजा बल्कि आप दुसरे के महसूस करके उसके करीब हो जाएंगें.
- यदि आपसे झगड़ा न सुलझ रहा हो तो उसे समय पर छोड़ देना चाहिए. समय के साथ किसी भी बात से जुड़ा दर्द खुद ब खुद ही कम हो जाता है.
- यदि दूसरा आदमी आपके झगड़ा सुलझाने की आदत को आपकी कमजोरी समझ रहा हो तो उसे उसके हाल पर छोर देना बेहतर होगा.
Sunday, 20 March 2011
झगड़ा खत्म करना सीखें
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सबक
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